Hindi Gay sex story – होली के बहाने-3
होली के बहाने-3
लेखक : सनी
अब तक आपने पढ़ा कि कैसे मैं होली खेलने बैकवर्ड क्लास वाले लोगों की कालोनी में गया और दारू पी कर एक चालीस साल के आदमी से अपनी गाण्ड मरवाने लगा।
अब आगे लिखने जा रहा हूँ !
और तेज़ ! तेज़ और तेज़ ! होली मुबारक हो !
अश अश उई उई करके चुदने लगा मैं !
उसकी स्पीड बढ़ी, मैं समझ गया कि झड़ने वाला है !
उसने कंडोम उतारा, घुसा दिया, दो तीन झटकों में जब उसका निकलने लगा तो उसने पूरा पानी मुझे सीधा कर मेरे मुँह पर, छाती पर निकाला और मुझे चूमने लगा।
तभी पीछे से किसी की आवाज़ सुनी- वाह वाह भाई ! अकेला-अकेला गांडू पेल रहा है ? दारु हमारे साथ पीकर आये और नज़ारे यहाँ अकेले अकेले लूटने में लगे हो ? साले हम भी होली मुबारक करेंगे !
नहीं, आप तो तीन लोग हो ! मैं नहीं करवा सकता !मुझे जाना है !
तेरी माँ की चूत, जाएगा ? जाकर दिखा साले ! गला काट कर फेंक दूंगा !
पहले ही इसका बहुत मोटा था, अब तीन बन्दे कैसे भुक्त पाऊंगा ! कल कर लेना ! भागा थोड़े जा रहा हूँ !
नहीं हमें अभी मजा दे !
नहीं, आप तो तीन लोग हो ! देखो बहुत टीस उठ रही हैं !
प्यार से करेंगे ! चल कपडे पहन ले ! अपने घर ले चलते हैं !
मुझे साथ लेकर एक घर में ले गए, छोटा सा घर था। पहले उन्होनें दो दो पेग लगाये, मुझे भी पिलाए, मुझे नंगा कर दिया। तीनों मेरे जिस्म से खेलने लगे, एक मेरा एक चुचूक चूस रहा था, दूसरा दूसरा चुचूक चूस रहा था, एक मेरी नाभि चूम रहा था, उसको मेरे सपाट पेट पर चिकनी नाभि चाटने में न जाने कितना मजा आ रहा था।
तीनों ने अपने आप को नीचे से नंगे किया, मेरी पहले फटने लगी क्योंकि तीनों के लौड़े इतने बड़े थे- काले लौड़े भयंकर लौड़े ! उसके जितने बड़े लौड़े थे उनके !
मैं नशे में था, एक पैग और लिया और खेलने लगा, मजे लेने लगा उनके लौड़ों से ! वैसे मुझे मजा भी आने लगा, तीन के लौड़े कभी एक का मुँह में लेता, फिर दूसरा, फिर तीसरा !
घुटनों के बल नीचे बैठा हुआ था।
तुम लोगों के लौड़े इतने बड़े कैसे होते हैं ?
मेहनत करते हैं साले ! तेरे ऊपर भी देखना कितनी मेहनत करेंगे ! बोल अलग सा मजा दें तुझे ?
वो कैसा ?
जानता है यह घर किसका है? एक रंडी का ! मस्ती करेगा ! कभी ऐसा नहीं किया होगा तूने !
तभी एक औरत अंदर आई, पूरा जुगाड़ था, मुझे बोली- साले, तुझसे जलन होने लगी है ! तुमने तो मेरे आशिकों को मुझसे छीन लिया है ! तुझे क्या मजा आता है यह सब करवा कर ?
मैंने कहा- तुझे क्या मजा आता है ? वही मुझे आता है !
तो लौड़ा कटवा दे ना ! मिलकर धंधा किया करेंगी !
वो कैसे होगा?
रोज़ जीरा चबाया कर पानी के साथ ! तेरे मम्मे बड़े हो जायेंगे ! फिर किसी से ओपरेशन करवा लेना !
वो हंसने लगी, उसने अपनी कमीज़ उतार दी फिर सलवार भी !
मैं लौड़े चूसता हुआ उसको देखने लगा। उसके बड़े-बड़े मम्मे थे। खुद पकड़ अपने चुचूक में से दूध सा निकालने लगी, चड्डी उतार चूत सहलाने लगी। काफी बाल थे उसकी चूत पर !
तभी एक ने मुझे कहा- साले घोड़ी बन जा !
मुझे घोड़ी बनाया, मेरे सामने आकर वो खड़ी हुई, पीछे से लौड़ा घुसने लगा।
हाय धीरे से करो !
उस औरत ने मेरा सर पकड़ा, ज़बरदस्ती मेरे होंठ अपनी झांटों वाली चूत पर रख दिए। पहले अजीब लगा, फिर मैं उसकी चूत चाटने लगा।
साले ! जो कहती हूँ, करता जा ! मेरा घर है जहाँ होली मनाने आया है ! अबसे तू मेरे साथ धंधा किया करेगा !
बोल करेगा ? जोर से मेरे बाल खींचे !
हाँ !
जोर जोर से चाट ! वरना तेरा पूरा सर गंजा कर चूत में घुसवा लूंगी !
मुझे सच में बहुत बहुत मजा आ रहा था। यह चीज़ मेरे साथ अब तक नहीं हुई थी। औरत के सामने अलग मजा था। दोनों भी सामने खड़े हो गए, पीछे से लौड़ा घुसे जा रहा था।
मैं कभी चूत चाटता, कभी लौड़े चूसता। इतने में उसका पानी निकल गया तो दूसरे ने कंडोम लगाया और घुसा दिया।
वो सामने बैठ गई और अपने मम्मे चुसवाने लगी। मैं उसके मम्मे पकड़ पकड़ दबाने लगा, मुझे मजा आने लगा। वो नीचे सरक गई। मैं घोड़ी बना हुआ था लौड़ा लिए हुए !
मेरा लौड़ा नीचे लटक रहा था, भैंस के थन जैसे उसने मेरा लौड़ा अपने मुँह में लिया और चूसने लगी।
मुझे कितना मजा आया, बता नहीं सकता।मेरा लौड़ा खड़ा हो गया। इतने में मेरी कसी गांड में दूसरे का भी काम तमाम हो गया।
अब वो औरत मेरे सामने घोड़ी बन गई। मैंने उसकी चूत में लौड़ा घुसाया। आप यह कहानी अंतर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
बोली- रगड़ !
मैं झटके लगाने लगा, पीछे से तीसरा मेरी गांड मार रहा था।
मैंने उसकी खूब ठोंकी, इधर मेरा पानी निकला, औरत भी झड़ने लगी और मेरा आशिक भी झड़ने लगा। तीनों का पानी निकल गया।
वो तीनों चले गए।
उस औरत ने मुझे दोबारा तैयार किया। उसने मेरी गांड चाटी और फिर मैंने उसको उस पर लेट कर चोदा।
दोस्तो, क्या बताऊँ, आपके सनी को नया तजुर्बा मिला।
सभी दोस्त चैट पर पूछ्ते हैं कि तूने लड़की की ली या नहीं ?
मैंने किसी से नहीं कहा क्यूंकि यह मेरा अन्तर्वासना के लिए सस्पेंस था।
उम्मीद है सबने मुठ मार ली होगी।
आपका रंडुआ सनी