Hindi Gay sex story – लड़की बनने का शौक

लड़की बनने का शौक

 

सभी को मेरा नमस्कार !

मेरा नाम आदित्य है प्यार से सभी मुझे आदि बोलते हैं, शिमला में रहता हूँ और मुझे लड़की बनने का बहुत शौक है।

मेरी लम्बाई 5 फुट है दिखने में बिल्कुल पतला हूँ, अगर कोई मुझे लड़की के कपड़ों में देख ले तो उसका लण्ड खड़ा हो जाये।

वैसे भी मेरे घर में सभी कहते है कि तुझे लड़की होना था।

मैं आपको बताता हूँ कि मुझे यह शौक हुआ कैसे !

हमारे पड़ोस में एक करियाने की दुकान थी वो मेरे पड़ोस वाले अंकल की थी, उनकी एक लड़की थी अंजलि, मेरी ही तरह पतली !

उस दिन मैं अंकल के घर गया वहाँ पर अंजलि घर में अकेली थी। हम दोनों साथ में खेला करते थे तो तो अंजलि मुझे बोली- आज कपड़े बदलने का खेल खेलेंगे।

मैंने हाँ बोल दिया। अंजलि मुझे अपने कमरे में ले गई और मुझे अपने कपड़े उतारने को कहा। मैंने झट से अपने कपड़े उतार दिए।

अंजलि ने बोला- यह ब्रा पहन कर दिखा !

मैंने बोला- तू पहना दे !

उसने मुझे ब्रा पहना दी। फिर उसने मुझे पैंटी दी, मैंने वो भी पहन ली। अब उसने मुझे जींस टॉप पहना दी तो अब मैं बिल्कुल लड़की बन गया था। उसने ब्रा के अंदर टेनिस की गेंद डाल दी। अब मेरी लुल्ली उठने लगी और साथ ही मुझे ऐसा लगने लगा कि मैं लड़की हूँ, ऐसी भावनाएं मेरे अन्दर आने लगी।

अब अंजलि ने मुझे चूम लिया। इतने में मैंने देखा कि कोई आ रहा है, मैं डर गया।

अंजलि का भाई था, वो अंदर आ गया, उसने मुझे लड़की के कपड़ों में देख लिया और उसका लंड खड़ा हो गया।

वो बोला- तुम दोनों यघ क्या कर रहे हो? चल आदि, तेरी मम्मी को बताता हूँ।

मैं बोला- गलती हो गई, आज के बाद नहीं करूँगा।

उसने बोला- चल अपने घर जा !

मेरा दिल नहीं कर रहा था कपड़े उतारने का, पर उतारने पड़े।

उसने अपनी बहन को भी डाँटा।

मैं अपने घर चला गया पर तब से मुझे लड़की बनने का शौक हो गया।

एक दिन मेरी मम्मी दोपहर में सो रही थी, मैंने मम्मी की ब्रा उठा कर पहन ली। मैं ब्रा पहन कर मम्मी के पास जाकर लेट कर मुठ मारने लगा, मैं झड़ गया और मुझे पता नहीं चला कि मुझे कब नींद आ गई। मैं ब्रा पहने ही सो गया।

अचानक मम्मी ने बोला- चाय पीयेगा?

पर तभी मम्मी बोली- यह क्या है?

माँ ने मुझे ब्रा पहने हुए देख लिया था।

मैंने बोला- कुछ नहीं आप चाय बना लाओ !

और मैं उठा और ब्रा उतारी और बनियान डाल कर वापस लेट गया। माँ ने मुझे कुछ नहीं कहा।

बाद में माँ ने मेरे बड़े भाई और पापा को बता दिया। भाई हंसने लगा और कुछ नहीं बोला।

दो तीन दिन तक मैंने औरतों वाले कपड़े नहीं पहने, फिर मैंने सोचा कि अब कुछ नहीं कहेंगे।

भाई ने फिर मुझे मम्मी के कपड़े लेते हुए देख लिया, भाई ने बोला- तू क्या कर रहा है?

मैंने बोला- कुछ नहीं भाई !

दो दिन बाद मेरे पापा मम्मी बाहर चले गये, घर में मैं और मेरा भाई था, भाई ने मुझे बोला- मैं फिल्म देखने जा रहा हूँ, लेट आऊँगा और घर में झाड़ू लगा लियो, साफ सफ़ाई कर लियो !

मैंने बोला ठीक है भाई के जाते ही मैं कपड़े निकाल कर नंगा हो गया और पैंटी और ब्रा पहन ली। मैं पतला था तो मैंने चूचियाँ बनाने के लिए कुछ कपड़े ब्रा के अंदर डाल लिए, फिर अपनी माँ का सूट सलवार पहन कर मैंने लिपस्टिक लगाई, चूड़ियाँ पहनी और फिर मैं झाड़ू लगाने लगा।

अब मुझे लगने लगा कि मैं लड़की बन गया हूँ तो अपने आप को लड़की मानते हुए बातें बोलूँगा।

मैं अपने कमरे में गई और झाड़ू पोचा करके लेट गई। फिर मैंने अपनी सलवार निकाली और फिर पैंटी और अपनी गाण्ड में उंगली देने लगी, मुझे थोड़ा दर्द हुआ, थोड़ा मजा आ रहा था।

फिर मैंने अपनी गांड में तेल लगाया और एक पैन लेकर अंदर-बाहर करने लगी। मुझे आनन्द आ रहा था, एक हाथ से अपने लिंग को हिला रही थी, एक हाथ से गांड मार रही थी, मैं झड़ गई और फिर उठी खाना खाने चली गई।

खाना खाकर मैं कमरे में आ गई और सोचने लगी कि काश कोई लड़का होता और मेरी गांड मारता !

यह सोच कर मैंने एक बार फिर मुठ मारी और सो गई।

थोड़ी देर बाद मुझे महसूस हुआ कि कोई मेरी गांड में उंगली दे रहा है। मैं उठी और देखा, मेरा भाई था।

मैं डर गई !

भाई ने बोला- मुझे पता था, तू ऐसा करेगा !

मैं गेट का ताला लगाना भूल गई थी।

भाई ने बोला- मैं किसी से कुछ नहीं बताऊँगा पर तुझे मेरे साथ सेक्स करना होगा, वरना माँ को बता दूँगा।

मैंने हाँ बोल दिया।

भाई बोला- रुक, मैं अभी आता हूँ, तू ऐसे ही रहना।

मैं बैठी रही, भाई मेनगेट का ताला लगा कर चला गया।

मैं बहुत खुश हुई कि आज तो मेरी गांड चुदेगी और डर भी रही थी कि कभी पापा को न बता दे।

भाई आ गया, उसके हाथ में कुछ गिफ्ट सा था। भाई ने मुझे बोला कि मुझे ऐसे तू अच्छा नहीं लगता, तू कपड़े बदल ले !

मैं कपड़े बदलने के लिए नंगी हुई और भाई बोला- तेरी लुल्ली तो बहुत ही छोटी है, इसे बड़ी नहीं करेगा?

मैंने बोला- हाँ !

तो वो बोला- जा पहले तू नहा कर आ !

मैं नहाने चली गई और नहा कर वापस आ गई।

तभी देखा कि भाई ने सुंदर सी साड़ी निकाल रखी थी, मैं बोली- यह क्या भाई?

वो बोला- ले इसे पहन ले !

मैं बोला- भैया, ब्रा नहीं लेकर आय्य?

बोला- यह गिफ्ट खोल !

मैंने देखा कि भाई नई ब्रा और पैंटी लेकर आया था।

मैंने देर न करते हुए ब्रा पहनी, नई होने के कारण मुझे मजा आया और भाई ने दो गुब्बारे फ़ुला कर मेरी ब्रा के अंदर डाल दिए, मैंने छोटी सी पैंटी भी पहन ली, उसके बाद मैंने ब्लाऊज पहना, फिर पेटिकोट फिर साड़ी पहन ली, भाई ने मुझे साड़ी पहनने में मदद की।

मुझे कपड़े बिल्कुल फिट आये, ऐसा लग रहा था जैसे ये मेरे ही हों !

भाई का लण्ड खड़ा हो गया पर उसने कंट्रोल किया और बोला- चल मम्मी के कमरे में चल !

तो भाई ने मुझे लिपस्टिक लगाई, सुंदर सी चूड़ियाँ पहनाई और फिर नकली बाल ले आया, बोला- ये लगा ले !

मैं बिल्कुल लड़की बन गई थी।

भाई ने बोला- अब तुम मेरी पत्नी बन जाओ !

मैं बोली- ठीक है !

तो भाई ने मेरी मांग भर दी, मुझे गोद में उठाया और कमरे में ले गए। भाई ने मुझे किस किया, मुझे मजा आ रहा था।

वो बोला- जा तेल लेकर आ !

मैं अब उनकी पत्नी बन गई थी तो मैं बोली- जी पति देव, अभी लाती हूँ।

मैं तेल ले आई और फिर मेरे पति ने अपना लौड़ा मेरे मुँह में डाल दिया। मैंने मजे से चूसा वो बोले- चल अब घोड़ी बन जा !

मैं घोड़ी बन गई, उन्होंने मेरी साड़ी ऊपर उठाई और पैंटी निकाल दी।

अब उन्होंने मेरी गांड चाटना शुरू कर दिया, मुझे मजा आ रहा था।

उन्होंने मेरी गांड में तेल लगाया और लंड गांड पर रख कर जोर से झटका मारा, मैं चिल्ला उठी, पहली बार गाण्ड मरवा रही थी इसलिए !

उन्होंने रफ़्तार तेज कर दी, थोड़ी देर बाद मुझे मजा आने लगा, मैं बोली- थोड़ी और जोर से !

वो मेरी गाण्ड में ही झड़ गये और मैं थक कर पड़ गई।

कुछ देर बाद मैं बोली- मम्मी पापा आने वाले हैं, मैं कपड़े बदल लेती हूँ।

तो मेरे पति देव बोले- आज मम्मी पापा नहीं आयेंगे !

दोस्तों आगे की कहानी मैं बाद में लिखूँगी। आप मुझे ईमेल करें कि आपको मेरी कहानी कैसी लगी।

आपकी आदि

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