Hindi Gay sex story – लण्ड चुसाई गाण्ड चुदाई – ३
करीब तीन दिन बाद मनोज ने मुझे अपने पास बुलाया, वहाँ मेरे स्कूल के एक टीचर अरुण सर भी मौजूद थे।
पता नहीं मनोज ने उनसे क्या बातें की पर अरुण सर ने मुझे तीन सब्जेक्ट के क्वेश्चन पेपर दिए।
इस घटना ने मनोज पर मेरा विश्वास और मज़बूत कर दिया।
उस दिन मुझे एहसास हुआ कि मनोज सिर्फ मेरे साथ सेक्स संतुष्टि ही नहीं पाना चाहता था, वो सच में मेरे साथ फेयर है, मुझसे किये हुए उसके वादे सिर्फ अपनी इच्छाएँ पूरी करने के लिए नहीं थे।
उस दिन भी मनोज ने मेरे साथ मुख मैथुन किया और मुझे वीर्य पिलाया।
उस दिन मनोज ने मेरे साथ अप्राकृतिक यौन सम्बन्ध बनाने (मेरी गाण्ड मारने) की भी कोशिश की पर जब उसने मेरी गांड में अपना लिंग डालने की कोशिश की तो मुझ से दर्द बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने मुझे यह कह कर छोड़ दिया- छोटे भाई, गाण्ड मारने-मराने का भी एक अलग ही मज़ा है पर मैं तुम्हें दर्द नहीं, मज़ा देना चाहता हूँ।
तो मैंने कहा- मनोज भैया आपका लंड ही इतना मोटा है मैं क्या करूँ, वरना आपकी इच्छा हो अन्दर डालने की और मैं मना कर दूँ, ऐसा कैसे हो सकता है। उस दिन सिर्फ आप की इच्छा के लिए मैंने सलमान भैया का लंड पिया, वरना मुझे तो सिर्फ आपके साथ ही ये सब करना अच्छा लगता है। मुझे आपका लंड बहुत प्यारा लगता है, मन करता है दिन भर आप के लंड से खेलता रहूँ।
और यह कहते हुए मैं मनोज के स्थूल हो चुके लंड को सहलाते हुए उनके पैरों को फैलाकर उनकी गुदा को अपनी जीभ से चाटने लगा, अपनी जीभ अन्दर डाल कर उन के भूरे छेद को सहलाने लगाब और बोला- आपको अच्छा लगता है न गांड को जीभ से सहलाना…
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मनोज पूरी तरह संतुष्ट था मुझसे।
मनोज ने मुझे बताया- जब भी तुम सुबह फ्रेश होने जाते हो, तेल से अपनी गांड के छेद की रोज़ ऊँगली अन्दर तक डाल कर मालिश किया करो, इससे तुम्हारी गांड की अच्छे से सफाई भी हो जाएगी और तुम्हारी ज़रूरत अनुसार गांड का छेद नरम भी हो जायेगा। देखना 15 दिनों में तुम मेरा लंड अन्दर ले लोगे।
बस उस ही दिन से मैं उस असीम सुख को भोगने की तैयारी करने लगा।
रोज़ रात को सोते वक्त और सुबह फ्रेश होते समय तेल अपनी ऊँगली में लेकर अपनी गुदा के छेद को अन्दर तक मालिश करने लगा।
15 दिनों में ही मेरी गुदा इतनी नर्म हो गई कि अब मेरी दो उँगलियाँ आसानी से अन्दर जा सकें।
मुझे यह एहसास अच्छा लगने लगा, मैं यग भी सोचने लगा कि जब मेरी दो उँगलियाँ मुझे इतना उत्तेजित कर रही हैं तो मनोज का मोटा लंड मुझे कितना उन्माद से भर देगा।
और फिर उसका गर्म वीर्य जब अन्दर जायेगा तो कैसा एहसास होगा।
मैं उन 15 दिनों में अपने इन्हीं ख्यालों में खोया रहा।
और एक दिन मैं अपनी उत्सुकताओं को रोक नहीं पाया और मनोज के घर चला गया।
पर मनोज अभी भी वापस नहीं आये थे।
देखते देखते दिन कटते गए मेरे फाइनल एग्जाम भी नज़दीक आ गये, अब तो मेरी घबराहट भी बढ़ने लगी।
मैंने सोचा उसके दोस्त के घर जाकर सलमान से पूछ लूँ कि मनोज भैया कब वापस आयेंगे।
जहाँ मैंने और मनोज भैया ने पहली बार काम क्रिया की थी।
मैं सलमान के घर गया तो देखा सलमान अकेला ही घर पर बैठ कर शराब पी रहा है।
मुझे देख कर सलमान ने मुझे अन्दर बुलाया और मुझे भी शराब का एक छोटा सा पेग दिया।
इससे पहले मैंने कभी शराब नहीं पी थी तो मैंने थोड़ा ना नुकुर की पर सलमान ने मुझे साथ बैठ कर शराब पीने को राज़ी कर ही लिया।
सलमान ने मुझे बताया कि मनोज जाली मार्कशीट के मामले में जेल में है। हम लोग जमानत की कोशिश कर रहे हैं।
मुझे यह सुन कर बहुत दुःख हुआ पर क्या कर सकता था।
मैं वहाँ से जाने लगा तो सलमान बोला- बैठो यार, मनोज नहीं है तो क्या हुआ… मैं भी तुम्हें वो दे सकता हूँ जो तुम्हें मनोज से मिलता है।
मैंने कहा- आप समझ नहीं रहे हैं, मैं उस कारण से नहीं आया, वो सब तो मैं बस मनोज भैया की ख़ुशी के लिए करता हूँ।
फिर मैंने सलमान को मेरे एग्जाम के बारे में बताया।
तो वो बोला- बस इतनी सी बात… तुम्हारा वो काम मैं कर दूंगा, तुम चिंता मत करो यार… छोटी सी जिंदगी है, यार एन्जॉय करो। आओ मेरे साथ बैठो और भूल जाओ सारी चिंताओं को…
और उसने मुझे एक और पेग बना कर दिया।
मैं पहले ही एक पेग पी चुका था, इस दूसरे पेग ने मुझे बिल्कुल मदहोश ही कर दिया।
फिर सलमान उठा और दरवाज़ा अच्छे से बंद कर आया और टीवी पर इंग्लिश ब्लू फिल्म लगा दी।
उस फिल्म में तो एक लड़की एक पुरुष का लिंग बाथरूम में चूसते चूसते उसका मूत्र भी मज़े से पी रही थी।
मेरा दिमाग ही सुन्न हो गया।
उसने मुझे अपने करीब बिठा लिया और तीसरा पेग बना कर दिया।
मैंने उसे आधा ही पिया था और मेरी मदहोशी सीमा पार करने लगी।
सलमान मुझसे लिपटने लगा मुझे अपना लिंग निकाल कर थमा दिया।
मैं उसके लिंग को पूरी मदहोशी से चूसने लगा।
फिर वो मुझे पूरा नंगा करके बाथरूम में ले गया और फिर से मेरे साथ मुख मैथुन करने लगा।
मैं उसके पैरों के पास घुटनों के बल बैठा था और वो सामने खड़ा होकर मुझे अपना लंड चुसवा रहा था।
सलमान- पीओगे?
मैंने मदहोशी में मुस्कुराते हुए कहा- ज़रूर, क्यों नहीं… पहले भी तो पीया है आपका !
मैंने सोचा कि वो मेरे मुँह में स्खलित होना चाहता है।
सलमान- तुम लाजवाब हो यार !
और कहते हुए वो मेरे खुले हुए मुँह में मूत्र की गरमागरम धार छोरने लगा।
एकाएक तो मैं अचंभित ही हो गया पर शराब की मदहोशी मुझे ये सब रोकने का मौका ही नहीं दे रही थी।
मैं उसके मूत्र को जितना हो सका, पीता गया। उसका खरा मूत्र अजीब सी गर्माहट दे रहा था मेरे गले को।
फिर उसने शावर चला दिया और मुझे साफ़ किया और मुझे वापस टीवी वाले कमरे में ले आया।
वहाँ उस ने मुझे उल्टा लेटा कर मेरी गुदा के छेद में शैम्पू में डूबी ऊँगली डाल दी।
उससे मेरी गुदा में चिकनाई तो पर्याप्त हो गई पर जैसे ही उसने अपनी उंगली बाहर निकाली, मुझे घबराहट होने लगी, मैं एक अजीब सी जलन महसूस करने लगा और मदहोशी में बोला- डालिए न…
सलमान- छोटे… आज तो मैं कुछ और ही डालने वाला हूँ तुम्हारी गांड में !
मैं- कुछ भी डालिए सलमान भाई, मुझे अजीब सा महसूस हो रहा है।
सलमान- छोटे भाई, आज तुम्हारी गांड तो मैं पूरा दिन मारूँगा।
और सलमान ने अपना लिंग पीछे से मेरी गुदा में डालना शुरू कर दिया।
शुरू में तो मुझे थोडा दर्द हुआ पर शैम्पू की चिकनाई के कारण मैं उस दर्द को बर्दाश्त कर गया और फिर शराब भी मुझे ये सब सहन करने की ताकत दे रही थी।
सलमान- छोटे, तुम्हारी गांड बहुत टाइट है यार… मज़ा आ गया।
मैं- मैं पहली बार ये सब कर रहा हूँ सलमान भाई…
सलमान- क्यों? मनोज ने कभी नहीं किया तुम्हारे साथ?
मैं- नहीं भैया, उन्होंने एक बार कोशिश की थी पर मुझे दर्द हो रहा था तो उन्होंने मुझे छोड़ दिया था।
सलमान- कोई बात नहीं यार तब नहीं तो अब सही… कैसा लग रहा है?
मैं- शैम्पू की चिकनाई कम हो गई है।
सलमान- मज़ा नहीं आ रहा?
मैं- थोड़ा दर्द हो रहा है, पर जब आप डालते हैं तो अच्छा लगता है।
सलमान- कोई बात नहीं, जब तक मनोज वापस आएगा, तुम मुझसे ऐसे ही खुल कर मज़े ले सकते हो, जी भर कर करवा सकते हो।
बातों बातों में उसने अपना पूरा लिंग मेरी गुदा के अन्दर कर दिया था और बहुत कुशल खिलाड़ी की तरह मेरे साथ मैथुन कर रहा था।और मैं मदहोश हुए अपने पैर फैलाये लेटा था।
उसने करीब 15 मिनट तक किया और अचानक अपना लिंग मेरी गुदा से खींच कर बोला- ले भाई, पी ले पूरा तेरे पहले सफल मैथुन का रस!
मैं जल्दी से उठा और उसके लिंग के सामने अपना मुँह खोल कर वीर्य गिरने का इंतजार करने लगा।
उसने मेरा मुँह ही भर दिया अपने वीर्य से, मैं बड़े चाव से उसे धीरे धीरे पी गया।
वहाँ से आकर मैं अपने इम्तिहान की तैयारियों में जुट गया, इस ख्याल में कि अगर सलमान ने कुछ नहीं किया मेरे लिए, तो मेरा क्या होगा।
बड़ी मुश्किल से मैं ग्रेस लेकर पास हो गया पर मनोज भैया वापस नहीं आये।
मुझे छुट्टियों के वो दिन काटे नहीं कट रहे थे, अचानक मेरी मुलाकात सलमान से हुई और उसने बताया- मनोज वापस आ गया है और उसने मुझे बुलाया है।
मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा, मैं जल्दी से फ्रेश हुआ और मनोज के घर चला गया, अपने घर पर मैंने बता दिया था शायद रात को मैं अपने दोस्त के यहाँ ही रुकूँगा।
आज मैं कोई टेंशन नहीं चाहता था, सिर्फ सुकून भरे पल मनोज के साथ बिताना चाहता था।
तो दोस्तो, यह थी मेरे चस्के की शुरुआत !
फिर मिलूँगा अपने एक नए अनुभव के साथ जो मैंने अपने एक दोस्त और उसकी बहन के साथ किया।
मुझे लिखें!