Hindi Gay sex story – मेरा पहला अनुभव शीमेल के साथ
मेरा नाम अनमोल है और मेरी उम्र २५ साल है | मै एक सेल्स मे हु और एक शहर से दुसरे शहर काफी आता जाता रहता हु | मै अधिकतर रात मे सफ़र करता हु, ताकि मेरा दिन बच जाये | अभी कुछ ही महीने पहले की बात है, कि मै शहर से दुसरे शहर मे जा रहा था और मैने रात वाली बस ली थी | मेरे सीट के बराबर वाली सीट खाली थी और उसपर कोई नहीं बैठा था | बस मे, कोई ज्यदा सवारिया भी नहीं थी; केवल कुछ ही लोग थे और सब के सब सो रहे थे | मुझे देर से सोने के आदत थी, इसलिए मै जाग रहा था और बोर हो रहा था |
पहले स्टॉप से कुछ सवारिया चड़ी और एक ३४-३५ साल की हसीन औरत मेरे बराबर वाली सीट पर आ कर बैठ गयी | मुझे लगा, चलो सफ़र अच्छा कट जायेगा | एक प्यारी से मुस्कराहट के साथ हम दोनों ने बातचीत शुरू की और आपस मे एक दुसरे को जाना | बात करते-करते काफी वक़्त निकल गया; काफी दिलचस्प मैडम थी वो | रात काफी हो चुकी थी और मुझे नीद आने लगी थी; तो, मैने उनको सोने के लिए बोला और काफी गहरी नीद मे सो गया |
आधी रात के बाद, उन्होंने मुझे काफी जल्दी मे उठाया और बोली बस ख़राब हो गयी है | रास्ते मे बारिश के कारण, काफी पानी भर गया है और बस पानी मे चलने के कारण ख़राब हो गयी है और कल सुबह १०:०० बजे चलेगी | इतनी रात मे कोई दूसरा जाने का जरिया मिलना मुश्किल था | उन मैडम का नाम सवि था | सवि ने मुझे से पूछा, कि क्या करना चाहिए | मैने कहा, इतनी रात मे कहाँ जायेंगे; यहीं होटल ढूंढ़कर कमरा ले लेते है और सुबह इसी बस से आगे चलेंगे | सवि ने भी मेरे साथ हामी भर दी और मेरे साथ ही होटल ढूंढने चल दी | काफी मुश्किल एक होटल मिला और हमने वहा २ रूम मांगे | लेकिन, उनके पास एक ही रूम था; मैने सवि को रूम लेने के लिए बोला और खुद दूसरा होटल देखने के लिए चलने लगा | सवि ने बोला, एक ही रूम ले लेते है, कुछ ही घंटो की बात है मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है | उसकी हां के बाद हम दोनों ने एक ही रूम ले लिया और रूम मे चले गये | हम दोनों ही काफी भीग चुके थे | सवि बाथरूम मे चली गयी और उसने मुझे तोलिया दे दिया | मैने अपने सारे भीगे कपडे उतार दिए और तोलिये को अपनी कमर पे लपेट लिया |
मुझे सुसु जाना था और मुझे ये ध्यान नहीं रहा, कि कमरे मे सवि भी है | मैने एक ही झटके के साथ बाथरूम ले दरवाजा खोल दिया और देखा, कि सवि ने भी केवल कमर पर तोलिया लपेट रखा है और वो ऊपर से नंगी है | मैने उसको सॉरी बोला, और बाहर निकलने लगा | उसने मुझे बोला, ठीक है और खुद बाहर आ गयी | मै सुसु करके कमरे मे आ गया; तो सवि बोली मेरे पास और कुछ नही है पहने के लिए; इसलिए मुझे ऐसे हे रहना पड़ेगा | तुम्हे कोई ऐतराज़ तो नहीं, मै ख़ुशी से मारा जा रहा था, मैने कहा नहीं |
हम दोनों टीवी देख रहे थे और मै कनखियों से सवि के बड़े चूचो को निहार रहा था और मेरा लंड जोर मार रहा था | मुझे उसे संभालना मुश्किल हो रहा था | मैने उसको हाथ से दबा रखा था | सवि ने शायद वो नोटिस कर लिया था और उसने सीधे न पूछकर, घुमाफिराकर बात शुरू की | उसने मुझे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे मे पूछा, तो मैने मना कर दिया और फिर उसने मुझे से पूछा, कि आखरी बार मैने कब सेक्स किया था | मैने उसको कुछ नहीं बोला, लेकिन उसके काफी पूछने के बाद उसको बोला, करीब ६ महीने पहले |
सवि मेरे पास उठकर आई और मेरे दोनों तरफ टांग फसाकर बैठ गयी और मेरे होटो को चूसने लगी | वो पूरी तरह से मेरे ऊपर नहीं बैठी थी | मुझे कुछ समझ नहीं आया, लेकिन मेरी साँसे तेज़ चल रही थी और मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था और संभल नहीं रहा था | कुछ देर मस्त होटो को चूसने के बाद, उसने मेरा लंड अपने मुह मे ले लिया और मस्ती मे उसको चूसने लगी | जिस तरह से वो चूस रही थी, कुछ ही मिनटों मे, मैने अपना वीर्य उसके मुह मे छोड़ दिया और उसने पूरा वीर्य गटक लिया | वो फिर से मेरे होटो पर आ गयी और उसको चूसने लगी | उसने मुझे पूछा, कभी किसी लड़के साथ सेक्स किया है ? मैने कहा नहीं, लेकिन करने की इच्छा है | वो मुस्कुराई और उसने मेरे हाथ नीचे कर दिए और अपना तोलिया खोल दिया | अरे ये क्या, उसके पास तो एक लंड भी था | उसने मुझे उसका लंड हाथ मे पकड़ा दिया |
उसने मुझे बोला, मेरे पास दोनों है और मेरे ऊपर चढ़ बैठी | उसका लंड मेरे लंड से टकरा रहा था और वो मेरे लंड को फिर से खड़ा करने की कोशिश कर रही थी | फिर, उसने मेरे हाथ अपनी कमर पर रख दिए और बोला जैसे मै करती हु, बिलकुल वैसे ही करना | वो अपने हाथ मेरी कमर पर फिराने लगी और मै भी वैसे ही करने लगा |
फिर उसने अपने हाथ मेरी गांड पर चलाने शुरू किया और मेरी गांड के छेद को रगड़ना शुरू कर दिया | और फिर उसने फिर एक ऊँगली मेरी गांड के छेद मे डाल दी | और उसके अन्दर फिराने लगा | मैने भी वही किया और मुझे उसकी ऊँगली अपने गांड मे लेने मे मज़ा आने लगा | मेरे लंड ने उठाना शुरू कर दिया, लेकिन अभी पूरा तनाव नहीं आया था | उसने मुझे पलग के किनारे से लगा दिया | अब मेरा आधा शरीर पलंग के ऊपर लेटा था और टाँगे जमीन से चिपकी हुई थी | वो पलग के किनारे पे चढ़ गयी और अपना लंड मेरी गांड मे डाल दिया |
उसने डालने से पहले मेरी गांड को और अपने लंड को अपने थूक से पूरा गीला कर लिया, ताकि को दिक्कत न हो | उसके एक ही जोरदार धक्के ने मेरी गांड फाड़ दी और उसका पूरा लंड मेरी गांड मे घुस गया | मै दर्द से चिल्ला उठा, लेकिन सवि कुछ सुन ही नहीं रही थी | वो तो बस कुते की तरह चड़ी हुई मेरी गांड मारे जा रही थी | कुछ समय बात मैने कुछ तेज़ झटको को महसूस किया और एक गरम-गरम पिचकारी अपनी गांड मे महसूस की | सवि झड चुकी और सवि ने भी मुझे अपनी गांड मारने के लिए बोला, लेकिन मेरे अन्दर हिम्मत नहीं थी और मैने बोला थोड़े देर मे |
कुछ देर आराम करने के बाद मैने भी बिलकुल वैसे ही किया | उसकी गांड बहुत कसी थी और मेरे लंड के जाने के बाद मेरे लंड की पूरी खाल नीचे खीच गयी | कुछ देर मे, मैने अपना पानी छोड़ दिया | उस दिन मुझे बड़ा मज़ा आया | और हम अपने-अपने रास्ते चल पड़े |