Desi Gay Sex Story: दिल्ली की नौकरी : 6
Desi Gay Sex Story: दिल्ली की नौकरी : 6
Desi Gay Sex Story: हेलो दोस्तों, जैसा के आप सब जानते ही हो के मेरा नाम आशु है, , में हरियाणा के यमुना नगर का रहने वाला हू….!! आप सबने पिछली कहानी दिल्ली की नौकरी: 5 में पढ़ा के कैसे न चाहते हुए भी मैं ग्रुप सेक्स के लिए राज़ी हो गया… सचिन और उसके दो दोस्तों ने मुझे धोखे से थोड़ा नशे वाला सिगरेट पीला दिया और खेल शुरू हो गया… सचिन ने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया और फिर..
आरम्भ से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
मैं भी सुपारे से कुछ आगे तक उसका लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। उसका लंड मेरे मुँह से काफी बड़ा था सो मैं पूरा पूरा नहीं चूस पा रहा था।
अचानक उसने मेरा सर पीछे से पकड़ा और कहा- जान, एक लम्बी सांस ले, और फिर सांस रोक के रखियो !
जैसे ही मैंने सांस भरी, उसने एक झटके में अपना पूरा लंड मेरे मुँह में डाल दिया। मैं थोड़ा छटपटाया तो उसने मेरे सर भींच कर अपने पेट से लगा लिया, मेरी मुँह-नाक उसकी भरी भरी, झाटों में छुप गई।
उसने कहा- जान, बस दो मिनट ऐसी ही रह।
मैं भी उसकी झांटों की खुशबू में खो गया। धीरे धीरे, मेरा गला कुछ कुछ फ़ैल गया। तब उसने धीरे धीरे अपना लंड आगे पीछे करना शुरू किया।
वहाँ निखिल और आरिफ जो अभी भी एक दूसरे को चूमने चाटने में लगे थे, यह नज़ारा देख मेरे पास आ गए। निखिल ने नीच लेट कर, मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और आरिफ मेरे निप्पल चूसने लगा।
मैं तो जैसे जन्नत में पहुँच गया था, मुझे लगा कि मैं हवा में उड़ रहा हूँ।
कुछ 5-10 मिनट मेरा मुँह चोदने के बाद सचिन ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और खुद नीच झुक कर मेरे निप्पल चूसने लगा।
आरिफ जो अब तक मेरे नाजुक निप्पल को काट काट कर लाल कर रहा था, मेरे सामने खड़ा हो गया और निखिल उसके बाजू में, चड्डी के अन्दर दोनों के लंड काफी बड़े लग रहे थे। मैंने सोचा कम से कम 7-7 इंच के तो होंगे।
मेरे मुँह में पानी आ गया, मैंने लपक के निखिल की चड्डी खींच दी, उसका हल्के भूरे रंग का, 7 इंच लम्बा, कुछ 1.5 इंच मोटा लंड मेरे नाक के सामने ऊपर नीचे होने लगा।
मैं उसे मुँह में लेने ही वाला था कि आरिफ ने कहा- लाडो, मैंने क्या बुरा किया जो मुझे पर तेरा ध्यान ही नहीं जाता?
मैंने कहा- ठीक है, रुक, अब तेरा ही चूस चूस के काम तमाम करता हूँ।
वह हँसते हुए बोला- अबे गांडू रानी, तू मुझे नहीं जानता, जब मैं नशे में होता हूँ, तो किसी के गांड-मुँह में दम नहीं कि मेरा पानी निकाल दे, और फिर अभी तक तो तूने दर्शन भी नहीं किये.. देख देख तेरे लिए क्या तोहफा है अन्दर।
मैंने झट से उसकी चड्डी उतार दी, जो मैंने देखा, वह देख कर मेरे होश उड़ गए। मेरे सामने उसका सांवला सा लंड, 7 इंच लम्बा, 2 इंच मोटा, वो भी ढीला हुआ लटक रहा था। मेरी सूरत देख कर आरिफ हँसते हुए बोला- देखा.. अभी तक तो यह पूरा जागा भी नहीं है, अब चूस, और इसको जगा, फिर देख..!
मैंने धीरे धीरे आरिफ का दो इंच मोटा सुपारा मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। एक मिनट के अन्दर उसका सुपारा धीरे धीरे मेरे मुँह में फूलने लगा, साथ साथ उसके लंड का आकार भी बढ़ने लगा।
उसने कहा- अब देख, तेरी गांड में आज रात कौन सैर करेगा !
मैंने चूसना छोड़ जब उसके लंड को देखा तो वह तक कर खड़ा हो चुका था। साढ़े 9 इंच लम्बा, ढाई इंच मोटा ! मेरी फट गई कि इतना बड़ा मैं कैसे लूँगा।
मुझे घबराया देख उसने कहा- डर मत मेरे मीठे, इतने प्यार से दूंगा कि मेरा पानी निकल जाने के बाद भी तेरा मन नहीं भरेगा, चल अब चूस ले मेरी जान !
मैंने किसी तरह अपना मुँह पूरा खोल कर धीरे धीरे चूसना शुरू किया पर उसका लंड था जो 2 इंच भी नहीं समां रहा था। उधर निखिल ने मेरा हाथ अपने लंड पर रख दिया जिसे मैं आगे पीछे हिलाने लगा।
कुछ मिनट बाद आरिफ बोला- अरे यार, कुछ मजा नहीं आ रहा ! तू तो सुपारा भी पूरा नहीं ले पा रहा है, एक काम कर, निखिल का चूस, फिर हम एक ट्रिक आजमाते हैं।
मैंने उसे छोड़ निखिल का चूसना शुरू कर दिया, सचिन के लंड ने मेरा गला चौड़ा कर दिया था, सो उसका 7 इंच में बड़े मजे में चूसने लगा।
उधर सचिन ने मेरे निप्पलों के बाद, मेरी नाभि, मेरी कमर को चूमने चाटने और काटने लगा था, बीच बीच में वो मेरी गोरी चिकनी चमकती जांघों को भी चाटता, हल्के से काटता.. कभी कभी मेरी चिकनी गांड पर हल्की सी चपत भी लगा देता था।
उधर मैंने जब आरिफ का लंड पकड़ कर हिलाना चाहा तो उसने कहा- नहीं.. जरा ढीला पड़ जाने दे।
अब आरिफ अलग जा के खड़ा हो गया और एक और सिगरेट सुलगा ली।
सचिन और निखिल दोनों मेरे सामने खड़े हो गए, और मैं बारी बारी दोनों के लंड खींच खींच के चूसने लगा। कई दफा मैंने दोनों के लंड पास पास रख, दोनों को एक साथ मुँह में लेकर चूसा। उस वक़्त तक मुझे नशा खासा चढ़ चुका था, तो जो मैं ऐसे नहीं कर पाता था, वो सब भी कर लिया।
Read the hot and steamy desi gay sex story of a horny and wild Delhi gay guy narrating his gay experience of an orgy in the nation’s heart!
फिर दोनों ने मुझे उठाया, मेरे हाथ अपने अपने कंधे पर लेकर, गोद में उठा कर झुलाते हुए बिस्तर पर ले आये। आरिफ ने मुझे दुबारा सिगरेट दी, मैंने कुछ न न कहा, तो उसने कहा- अबे तेरे लिए ही बड़ी मुश्किल से जुगाड़ कर के लाये हैं.. पी ले मेरे मीठे, तेरी तकलीफ कम करने की दवा है।
कहानी जारी रहेगी….!!
अभी मैं हरियाणा के यमुना नगर जिले में हूं. आपके पत्रों का इंतज़ार मुझे [email protected] पर रहेगा
आपका आशु