फाइनल ईयर के एडवेंचर्स की गे सेक्स कहानी: 1
गे सेक्स कहानी: फाइनल ईयर के एडवेंचर्स: 1.फर्स्ट ईयर का माल
hi सभी लोग। मेरा नाम संजय हैं। मैं MP से हूँ। मैंने सोचा कि मेरे कुछ कहानियाँ आप लोगों से शेयर करना चाहता हूँ। यह सब किस्से पिछले साल हुआ था जब मैं बटेक के फाइनल ईयर मे था। पहले 3 साल मे कॉलेज मे अच्छा कोई नहीं था। एक सीनियर से काम चलाना पड़ता था।अच्छा सेक्स के लिए घर जाना पड़ता था।
लेकिन आखरी साल मै इतना मज़ा आया की पिछले तीन साल का भड़ास निकाल दिया। और यह किस्से मैं आपके साथ शेयर करूँगा। आशा करता हूँ की आपको पसंद आये।
अपनी बारे थोड़ा बताता हूँ। मेरा हाइट 5 फट 8 इंच है। पतला फिट बॉडी हैं । करीब 56 kg हूँ। मेरे 6 पैक्स है। गेहुआ रंग का हूँ। और लंड की बात करे तोह मोटा 6.5 इंच का है और अगर गांड की बात करे तो मेरे शरीर के हिसाब से बड़ा है।
मुझे फुटबॉल खेलना बहुत पसंद है और मैं कॉलेज के लिए खेलता हूँ। फाइनल ईयर मैं तो टीम का कप्तानरहा। तोह कहानी शुरू करते है।
आखरी साल शुरू हुआ। सीनियर तोह एक साल पहले ही चला गया। कॉलेज कोई अच्छे बंधे नहीं थे। लौंडेबाज़ी के लिए । grindr एक दम बेकार था। सेक्स करने बहुत मन था। तो नया साल है। नये बच्चे आयेंगे। फुटबॉल टीम में नये प्लेयर्स को शामिल कराना है और यह काम मेरा और बाकी के टीम वालों है।
तो हम सीनियर टीम प्लेयर्स सब ग्राउंड पर आगये। नए प्लेयर्स सब ग्राउंड मै पहले गए थे। ज़्यादा तर सब फर्स्ट ईयर के बच्चे थे। उनमे से एक लड़का मेरे नज़र मैं आया। मेरे से थोड़ा हाइट मै छोटा था। पतला क्यूटसा बंधा था। उसके बाल उसके चेहरे पर गिरा हुआ था। वह तब ट्रैक पैंट पहना हुआ था।
फिर मैं सबसे अपना परिचय किया और पूरा रूल्स समझाया। और सबको तैयार होने को बोला। सब जेर्सी पेहनके तैयार हुए। यह लड़का अपना पैंट उतारा। एक टाइट शोर्ट्स पहना हुआ था। शॉर्ट्स इतना टाइट था की उसका लंड का शेप काफी अच्छे से दिखाई दे रहा था। देखके मज़ा आया। हम दोस्तों में भी उसकी लंड की बारे में बात हुई।
काफी मोटा था। कुछ लोगों को शक हुआ की इसने L-guard यानी लंड की रक्षा करने वाली चीज़ को पहना हुआ है। तो मैंने उसको मेरे पास बुलाया। मेरे बाकी के दोस्त दूसरोंसे बात कर रहे थे।
“नाम क्या है ?” मैंने उसको पूछा।
“अंकित है ,सर। ”
“कौनसा डिपार्टमेंट ?”
” मेकानिकल है ,सर।”
“ठीके। अब यह बता की तुम्हारे लंड के वहा इतना सूझा क्यू है ? L-guard पहना है क्या ? इतनी प्रोटेक्शन की क्या ज़रुरत है ? ”
“नहीं , सर। मैंने ऐसा कुछ पहना नहीं है। अंदर सिर्फ अंडरवियर है, सर । ”
“क्या बात कह रहा है। इतना मोटा ?”
“अरे सर, वोह टाइट शॉर्ट्स है ना इसीलिए। यह देखो ” ये बोलके उसने अपना लंड को दबाके दिखाया। अब ये देखके मेरे अंदर कुछ हुआ। मुझे उसे हाथ लगाने का बहुत मन लगने लगा। तब मुझे कोई देख रहा है या वो क्या सोचेगा ऐसा कुछ मन मे नहीं आया।
“चलो मैं देखता हू। ” ये बोलके मैने उसका लंड को दबाया। उफ्फ। काफी अच्छा लगा। लेकिन कुछ ही सेकंड में मुझे समझ आया की में किसी और का लंड को पकड़ा हू। जल्द से मैंने हाथ हटाया। मैंने उसकी ओर देखा। वोह तोह मुस्कुरारहा था।
“देखा सर , मैंने बोला था ना। ”
“ठीके। लेकिन तेरा लंड काफी बड़ा है। ” उसका लंड अब पहले से भी बड़ा लगने लगा। मैं लेफ्ट – राइट मुड़के देखा की कोई देख तो नहीं रहा है। किसी का ध्यान हम पर है करके नहीं लग रहा था। मेरा चुप रहते देखकर पूछा
“क्या हुआ सर ? इतना भी बड़ा नहीं है। वह टाइट शॉर्ट्स है ना इसीलिए ऐसा लगा होगा। ”
“हा ठीके ठीके। जाके वार्म-अप करो। ”
“okay सर। ”
मै उसको भागते हुए देखा। टाइट शॉर्ट्स के वजह से उसका गांड का शेप काफी अच्छे से दिखाई दे रहा था। गोल-गोल गांड। फिर मुझे एक चीज़ मन आया। जब मैंने इसका लंड को हाथ लगाया तब ये मुस्कुरारहा था। उसके चेहरे पे नापसंद वाली फीलिंग कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। तब मरे में सोच आने लगा की क्या ये भी लौंडेबाज़ी करता है या मैं सीनियर हू बोलके उसने कुछ नहीं बोला।
ये दूसरी चीज़ होने का चांस कम लग रहा था। और कन्फर्म करना था। फिर हम सबसे वार्म-उप करवाए। हम भी किये। बीच बीच हम दोनों की आंखें मिल रहे थे। फिर उनसे पहले राउंड सिलेक्शन हुआ। उसमे उसका फिजिकल परफॉरमेंस देखना था। लेकिन इस राउंड में ये इतना ख़ास नहीं था। फिर भी मैंने उसको एक और चांस दिया।
फिर दूसरी राउंड में इनको आपस में खेलना था। वो ठीक ही खेल रहा था लेकिन उससे अच्छा बहुत लोग खेल रहे थे। उस दिन का सिलेक्शन ख़तम किया। और हमने चुने हुए लोगों के नाम की घोषणा की। उस लिस्ट में इस बेचारे का नाम नहीं था। मैंने उसको वेटिंग लिस्ट में डाला। मुझे मेरा टीम ही बड़ा है बादमें लौंडेबाज़ी। उसके साथ सेक्स करने का सोच मैंने रोक दिया था। शायद गुस्सा होगा की उसको नहीं लिया। सबको पैक-उप करके निकलने बोला।
सब लोग निकल रहे थे। मै सब जाने इंतज़ार कर रहा था। कप्तान स्टेडियम से आखरी में निकलना था। मेरे दोस्त लोग अपने गर्ल-फ्रेंड से मिलने गए। सिर्फ मैं ही था टीम में जिसका कोई गर्ल-फ्रेंड नहीं था। कैसे हो सकता है। मैं तो लौंडेबाज़ी करता हू।
चलो कहानी को आगे बढ़ाते है। मुझे लगा सब निकल गए इसीलिए मैं ग्राउंड के साइड में मूतने गया। ग्राउंड चारों साइड मे बंध है। सिर्फ २ ही एंट्री थे। तो मैं मूतना शुरु किया। तब पीछे से कोई चलके आने की आयी। मैं पीछे मुड़के देखा। वो अंकित था।
वो अभी भी शॉर्ट्स में ही था। पूरे ग्राउंड में सिर्फ हम दोनों ही थे। वो मेरे बगल में खड़ा रुका , अपना लंड को बाहर निकाला और मूतना शुरू किया। मेरी नज़र उसकी लंड पर गया। काला मोटा लंड। तब करीब रात के 7 बज गए थे। अँधेरा था लेकिन स्टेडियम के लाइट थे। मेरा मन कर रहा था उसकी लंड को पकडू। फिर जल्द ही होश आया और मैं उसकी चेहरे की ओर देखा। वो भी मेरा लंड की ओर देख रहा था। मेरा मूतना खतम हुआ।
पहली बार मुझे मूत खतम होने पे गुस्सा आया। मैंने लंड को अंदर डाला और फिर उसको बोला
“चलो मैं जा रहा हू। तुम भी निकलो। जाते वक़्त अपना पैंट डालना मत भूलना। नहीं तो रास्ते में सभी लोग तुम्हारे लंड को को ही देखेंगे। ”
“हां सर। लेकिन सर मुझे आपसे बात करनी थी। ”
“हा बोलो। जल्दी। मुझे स्विमिंग के लिए जाना है। ”
“मैं भी चलता हू आपके साथ। ”
“हा ठीके। आजाओ। ” फिर वो अपना पैंट पहना और हम पूल की और चलने लगे।
“चलो बताओ क्या बोलना था। ”
“सर मुझे एक और चांस मिलेगा। आज मेरा मन कही और था। प्लीज सर। मुझे एक और चांस दी जिए। मैं कुछ भी करने के लिए तैयार हू। ” ये बोलके वो अपना हाथ अपना छाती से लंड की और चलाया। तब मुझे पक्का समझ आया की वो भी गे है।
“तुम उसका टेंशन मत लो। तुम्हें वेटिंग-लिस्ट पर डाला है। तुम्हें और चांस मिलेगा। अच्छा ये बताओ तुम्हारा मन कहा बेहक गया। ” तब तक हम पूल पहुँच गए।
“अरे ऐसा कुछ नहीं है सर। सच बताऊ तो जब आपने मेरा लंड को हाथ लगाया तब मुझे कुछ हुआ। ” हम चेंजिंग रूम पहुँच गए। काफी लोग थे।
“ओह्ह ! अरे सॉरी। मेरे वजह से तुम्हे तकलीफ हुई। ” मुझे अजीब सा लग रहा था। लेकिन इसकी हरकतें देख कर मुझे बहुत कन्फ्यूज्ड था। हम तब तक कपडे उतारके स्विमिंग कस्टूम पेहने हुए थे। वो अपना फुटबॉल वाला शॉर्ट्स ही पहना था।
मैं भी एक टाइट शॉर्ट्स पहना था।
“अरे सर। मुझे बुरा कुछ नहीं लगा। ” अब मुझे यकीन हो गया।
“चलो फिर। स्विमिंग करते है। ”
“हां सर। आपका बहुत ही सेक्सी बॉडी है। ”
“हा हा ! ठीके ठीके। चलो अब। ”
फिर हम पूल मे कूदे। कुछ देर हम अलग अलग तैर रहे थे। मेरा मन मे पूरा उसका लंड और उसका सेक्सी बॉडी आ रहा था। मेरा लंड पूल की बहकती पानी मे खड़ा हो रहा था। मुझसे रहा नहीं जा रहा था। अगर वो मेरे पास आया तोह मेरा कण्ट्रोल टूट जाता। मैं लंड के वहा हाथ रख के चुप-चाप निकल रहा था। ताकि कोई मेरा खड़ा लंड ना देखे। जैसे ही मैं निकल रहा था पीछे से पुकार आता है।
“सर। ” मैं पूल के साइड पे बैठ गया ताकि कोई मेरा खड़ा लंड ना देखे।
“हा बोल। ”
“सर मैं तो टॉवल लाया नहीं। अगर आप निकल रहे हो तो मैं आ जाता हूँ। ”
“हां चलो फिर। ”
“सर क्या आप टॉवल लेके आओगे ? एक दिक्कत है। ” ये बोलके वो अपना लंड की ओर देखा। पानी में मुझे कुछ दिखाई नहीं दिया लेकिन मुझे समझ आ गया।
“टॉवल कुछ इधर नहीं ला सकते है। तुम कैसे भी छुपा के आओ। ”
फिर मैं दौडता अंदर गया। वह मेरा पीछे दौड़के आया , लंड के ऊपर हाथ रख के। पूल बॉयज के लिए खुलके करीब 20 मिनट ही हुआ है , इसीलिए चेंजिंग रूम उस वक़्त खाली ही रहेगा। चेंजिंग रूम में 8 कॉमन शावर है और 3 बाथ रूम है।
हम टॉवल लेके बाथ रूम के अंदर चले गए। हम दोनों हमारे गीले बदन और खड़े लंडों साथ एक बाथरूम में खड़े थे। मै अपना टॉवल से अपना बाल सुखा रहा था। लेकिन मेरी नज़रें उसके पर था। वो अपना आँखों से मेरा पूरा शरीर को स्कैन कर रहा था। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था। उसको भी मन था। लेकिन शायद जूनियर है बोलके आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
“तुम्हारा लंड खड़ा क्यूँ है ?” मैंने पुछा।
“अरे सर ऐसे ही ख़यालें रहे थे। आपका भी तो खड़ा है। मोटा भी। ”
“तुम्हारा तो काफी मोटा है। ” ये कहके मैंने उसके खड़े लंड पर फिरसे हाथ रखा और उसका शॉर्ट्स के ऊपर से ही उसका लंड को धीरे धीरे हिला रहा था। हम दोनों के गीले नंगे शरीर से बाथरूम का तनाव बढ़ गया था। वह अपना सिर ऊपर की और देख कर “आह सर ! आह सर !” कर रहा था।
फिर वो मेरा लंड को दबाने लगा। किसी और का हाथ अपने लंड पर रहने में एक अलग ही मज़ा है। मेरे फीलिंग्स काफी बढ़ने लगे। मेरा लंड बहुत ही कड़क हो गया। मेरा निप्पल्स भी।
उसका भी लंड काफी कड़क हो गया था। मैंने फिर उसके गीले शॉर्ट्स के अंदर उसका लम्बा खम्बे को बाहर निकाला। वह एकदम “आह !” करके आवाज़ निकाला। फिर मैं उसका कड़क लंड को पकड़ के धीरे धीरे हिला रहा था। टॉवल अभी भी मेरे सिर पर था। फिर वो मेरा लंड को बाहर निकाला और उसको हिलाने लगा। बहुत ही गंभीर माहौल था। अब और हम रुक नहीं सकते थे।
“कोई आने से पहले यहाँ से निकलते है। ” मैंने कहा और जल्दी से उसके लंड को उसके शॉर्ट्स के डाला और अपने लंड को भी। फिर टॉवल से जल्दी से अपने आप साफ़ किया और उसको टॉवल देके मैं बाथरूम से बाहर आया। और जल्दी से अपने कपडे पहन लिए। और वह भी फटाफट अपना कपड़ा पेहन लिया। और हम जल्दी से बाहर निकले। हमारे खड़े लंड एक एडजस्टमेंट में रखा था।
“क्या करने का प्लान है ?” मैंने पुछा।
“पता नहीं सर। जो हम पूल में किये थे वोही कर लेते है। ” उसने बोला।
“पहले कभी कुछ किया है ?” हम रहे थे।
“कजिन और मैं एक दुसरे का लंड हिलाते थे। ”
“बस ? तुम्हारा उम्र क्या है ?”
“18 हो गया हू। और आपका ?”
“22 . अब लेकिन कहा चले ? तुम्हारे हॉस्टल मे तो सिर्फ फर्स्ट इयर्स ही घुस सकते है। और मेरा हॉस्टल भी नहीं जा सकते दोस्त लोग पूछ सकते है । मुझे समझ आ गया कहा जाना है। ”
“कहा सर?” हम तब तक फुटबॉल ग्राउंड पहुँच गये थे।
“इधर !”
“ग्राउंड पे ? कोई देख लिया तो ?”
“अरे मुझे भी पता है कोई देखेगा करके। जहा लोग बैठते है मैच देखने के लिये उसके नीचे 2 टॉयलेट है। वहा शायद कोई इस वक़्त नहीं आएगा। और कपल्स को गार्ड अंदर घुसने नहीं देगा। मुझे अंदर जाने के लिए कोई मना नहीं करेगा। गार्ड लोग मुझे जानते है। ”
हम ग्राउंड के एंट्रेंस पर गए थे। वहा उस दिन ड्यूटी मेरा फवौरिट गार्ड था। वह एक जवान गोरा सेक्सी बंधा था। हम आपस में घूरते रहते थे।
“तो भैया कैसे हो ?” मैंने गार्ड को पूछा।
“सब ठीक। और आप ?”
“सब ठीक है भैया। चलो मिलते है। ” बोलके हम ग्राउंड के अंदर घुस गए और सीधा टॉयलेट के अंदर। अच्छा टॉयलेट ज़्यादा गंधा नहीं था। ये टॉयलेट ज़्यादा कोई इस्तमाल नहीं करता है।
फिर हम अपने पैन्ट्स को नीचे किये , और अपने अपने लंड को हिला रहे थे एक दुसरे को देख के। फिर मैं उसका लंड पकड़ के हिलाने लगा और वह मेरा। काफी देर हम आपस का लंड हिला रहे थे एक दुसरे को देख के।
“तेरा लंड का साइज क्या है ?”
“करीब 7 से 7.5 का होगा। ”
मेरा हाथ थक रहा था हिलाके। दुसरे का हिलाने में काफी मेहनत लगती है।
“तो बताओ और कुछ भी करना है क्या ?” मैंने उसको पूछा।
“जैसे ?”
“दिखाता हू।”
फिर मई उसका पैंट को उसके घुटनो तक खींचा , और दीवार के साइड पे खड़ा किया। वो इसके दौरान कुछ नहीं बोला।
“काफी टाइम हो गया है, हमे जल्दी सुलाना है अपने लंड को। ”
“ठीके सर। ”
फिर मैं अपने घुटनो पर रुका, उसका लम्बा लंड का खाल को पीछे किया।
“अब तुम चुप-चाप रुक के मज़े लो। ”
“ओके सर। ”
फिर मै धीरे से उसकी लंड का सिर को चाटने लगा। वह तो “आह सर आह सर ” करने लगा। फिर उसने अपना टीशर्ट पूरा ऊपर किया , उतारा नहीं लेकिन। फिर मैं उसका गांड को दबाके उसका पूरा लंड को मुँह में लिया और अपना मुँह से उसके लंड के ऊपर-नीचे कर रहा था। वो अपना टीशर्ट को काटके पकड़ के, अपना दोनों आंखें बंध करके, दोनों हाथों को अपना सिर के पीछे रख के खड़े होके मज़ा ले रहा था।
मैं एक हाथ से उसका बॉल्स को पकड़ा हुआ था और दूसरी हाथ
से अपना लंड को तेज़ी से हिला रहा था। करीब 3-4 मिनट मैंने उसका लंड मुँह मे लेते गया। लेकिन उसका पूरा लंड मैंने एक साथ नहीं ले पाया। काफी लम्बा था। तो फिर मैंने उसका लंड को पूरा, मेरे मुँह में घुसा दिया पूरा गले तक। वो एक दम से “आह सर ” करके चिल्लाया।
उसका लंड पूरा गीला था। वह लेकिन अपना पोजीशन से नहीं हिला। मैंने फिर से उसका लंड का डीप थ्रोट किया। बेचारे का इस बार रहा नहीं गया। मैं भी तेज़ी से अपना लंड को हिला रहा था।
“सर रोक दो। मेरा निकलने वाला है।”
“मेरा मुँह में गिरा दो। ” वो एकदम आष्चर्य हो गया था।
फिर मैं तेज़ी से अपना लंड को हिला रहा था और उसके लंड को तेज़ी से मुँह में ले रहा था। मेरा निकलने ही वाला था और उसका भी। कुछ ही सेकंड में उसका माल मेरे मुँह के अंदर ढाल दिया। काफी ज़्यादा निकल रहा था। मेरा मुँह भर गया था। मैंने उसका लंड को बहार निकाला और बाकी के माल उसने मेरे चेहरे के ऊपर गिरा दिया। तब तक मेरा माल भी गिर गया था।
अब मेरे चेहरे पे उसका माल था। वो एकदम थक गया था। तब अचानक कोई दरवाज़ा खटखटाया। हमने कुछ बोला नहीं। फिरसे खटखटाया। हम दोनों डर गए थे। फिर बाहर से आवाज़ सुना।
“भैया आप हो क्या अंदर ?” वोह सिक्योरिटी गार्ड था।
“हां भैया। क्या हुआ ?”
“कुछ नहीं। कौन था करके जानने लिए था। आप टेंशन मत लो आप आराम से आ जाओ”
“ठीके भैया। ”
मेरे चेहरे पे उसका माल पड़ा हुआ था । हम दोनों ही घबराये हुए थे। गार्ड चलके जाने की आवाज़ सुनी। मैं उठ गया। फिर टॉवल से मेरा चेहरा और उसका और मेरा लंड को साफ़ किया।
जूनियर और सीनियर के मस्त फाइनल ईयर के एडवेंचर्स की गे सेक्स कहानी
“सर क्या उनको कुछ शक हुआ होगा ?”
“शायद। लेकिन उसने कुछ बोला नहीं ना। टेंशन मत ले। ”
“ठीके सर। ” फिर हमने अपने पैन्ट्स को सीधा किया।
“तो बताओ कैसा लगा ?”
“सर बहुत बहुत मज़ा आया। लाइफ का बेस्ट था। ”
“अरे ये तो बस शुरुआत था। ”
“इसका मतलब हम और भी करेंगे ना सर ?”
“हा हा। बेशक। अगले बार हम मेरे रूम में ही करेंगे। तुम्हे कैसे भी अंदर लेके जाऊँगा। ”
“सर क्या हम किस्स करे ?”
“हां चल। ” फिर मैंने उसको मेरी तरफ खींचा, एक हाथ उसका सिर को पकड़ा, दूसरी हाथ से उसका गांड को पकड़ा, वो दोनों हाथों से मुझे कस के पकड़ा और हम जम के किस्स किये । फिर मैंने उसको बोला
“मैं जब भी बुलाऊंगा, तुम अपना लंड लेके मेरे पास आ जाना। ”
“बिलकुल सर। मेरा लंड आपके लिए हर वक़्त रेडी है। ”
फिर मैंने उसका हाथ लेके मेरा गांड के ऊपर रखा बोला,
“अगली बार तुम्हे इसका इस्तमाल करना पढ़ेगा। ”
“बिलकुल सर। ”
“चल निकलते है गार्ड फिरसे आने से पहले। ”